Concept & Objectives of Teaching शिक्षण की अवधारणा एवं उद्देश्य
शिक्षण शिक्षा की एक निरंतर प्रक्रिया है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कुछ न कुछ ज्ञान, बुद्धि, कौशल आदि प्रदान करता है। प्रत्येक व्यक्ति जन्म से मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता रहता है। शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षक के द्वारा छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों में पूर्व निर्धारित एवं निश्चित ज्ञान प्रदान करता है। शिक्षण में तीन तत्व अवश्य होता है
सारंश में हम कह सकते है कि शिक्षण का मुख्य उद्देश्य अधिगम प्राप्त करना है। अधिगम का अर्थ है सीखना अथवा सीखाना। अधिगम में समाजोपयोगी व्यावहारिक बदलाव होता है। इसके अलावा शिक्षण एक प्रजातांत्रिक व्यवस्था है जिनके माध्यम से छात्रों के आचरणों, क्रियाकलापों में बदलाव लाया जाता है।
अभिवत्ति और मनोवृति में अंतर (Different between aptitude and attitude)
योग्यता (Aptitude)
किसी कार्य को करने के लिए किसी में निहित क्षमता है। यह किसी विशेष क्षेत्र या विषय से संबंधित हो सकता है।
एप्टीट्यूड का अर्थ है प्रतियोगिता में काम करने की क्षमता दूसरे शब्दों में, किसी व्यक्ति की योग्यता उसके लिए एक प्रतियोगिता में जीतने का मौका है।
योग्यता कौशल सीखने की हमारी क्षमता है, जो क्षमता हम विकसित करते हैं यह आपका दृष्टिकोण है जो निर्धारित करता है कि आप क्या और कितना कर सकते हैं, और आप कितनी दर जाएंगे।
मनोवृत्ति (Attitude)
एक जटिल मानसिक स्थिति है जिसमें विश्वासों और भावनाओं और मूल्यों और कुछ मामलों में कार्य करने के लिए निपटान शामिल हैं
मनोवृत्ति किसी चीज के लिए पसंद और नापसंद की व्यक्ति डिग्री है।
यदि कोई व्यक्ति किसी चीज़ को नापसंद करता है, तो हम कहते हैं कि “उसे इसके प्रति नकारात्मक रवैया मिला है।